जीवन में अधिकांश समस्याएं इसलिए उत्पन्न होती हैं क्योंकि हम जागरूक नहीं है l केवल प्रश्न - उत्तर रट लेने से , परीक्षा पास कर लेने से जागरूकता नहीं आती l श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन करना , महापुरुषों के प्रेरक - प्रसंग पढना , शिक्षाप्रद कहानियां पढना अर्थात स्वाध्याय से समझ विकसित होती है l इस समझ की कमी की वजह से ही आज का युवा वर्ग परेशान है l
शोषण व अत्याचार करने वाले इतने चालाक, इतने होशियार होते हैं कि एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति समझ ही नहीं पाता कि उसका शोषण हो रहा है , उसका हक़ छीना जा रहा है l
आज की समस्याएं ताकत से नहीं , बुद्धि और विवेक से सुलझ सकती हैं l एक ओर युवा वर्ग यदि रोजगार के लिए परेशान है तो दूसरी ओर अनेक ऐसी संस्थाएं हैं जो रिटायर हुए लोगों को जो 67-68 वर्ष से भी अधिक आयु के हैं , उन्हें रोजगार देती हैं l उन्हें दो तरफ़ा लाभ हो जाता है -- पेंशन भी और वेतन भी लेकिन युवा वर्ग जागरूकता और सही दिशा के अभाव में बेरोजगार रह जाता है l युवाओं को -- चाहे वे युवक हों या युवतियां -- अपने सपनो की दुनिया से बाहर आना होगा l जागरूक होना होगा l ज्ञान और समझदारी से ही समस्याएं हल होती हैं l
शोषण व अत्याचार करने वाले इतने चालाक, इतने होशियार होते हैं कि एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति समझ ही नहीं पाता कि उसका शोषण हो रहा है , उसका हक़ छीना जा रहा है l
आज की समस्याएं ताकत से नहीं , बुद्धि और विवेक से सुलझ सकती हैं l एक ओर युवा वर्ग यदि रोजगार के लिए परेशान है तो दूसरी ओर अनेक ऐसी संस्थाएं हैं जो रिटायर हुए लोगों को जो 67-68 वर्ष से भी अधिक आयु के हैं , उन्हें रोजगार देती हैं l उन्हें दो तरफ़ा लाभ हो जाता है -- पेंशन भी और वेतन भी लेकिन युवा वर्ग जागरूकता और सही दिशा के अभाव में बेरोजगार रह जाता है l युवाओं को -- चाहे वे युवक हों या युवतियां -- अपने सपनो की दुनिया से बाहर आना होगा l जागरूक होना होगा l ज्ञान और समझदारी से ही समस्याएं हल होती हैं l
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