आज समाज में इतनी अशांति , इतना आक्रोश है उसका कारण यही है कि आज व्यक्ति मेहनत और लगन से आगे बढ़ना नहीं चाहता , वह अपनी तरक्की का कोई प्रयास नहीं करता l ऐसे लोगों का सारा प्रयास यही होता है कि कैसे किसी को अपमानित करें , उपेक्षित करें , उसकी तरक्की में रोड़े अटकायें और स्वयं को उससे सुपर साबित. करें ------ ऐसे प्रयासों के लिए तरह - तरह के ओछे हथकंडे अपनाये जाते हैं जिससे समाज में अशांति होती है l
Thursday 22 February 2018
Saturday 17 February 2018
अशांति का एक बड़ा कारण है ----- कर्तव्यपालन में ईमानदारी न होना
केवल व्यक्ति ही नहीं , समाज व राष्ट्र का भी दुर्भाग्य होता है l बुद्धि ऐसी भ्रष्ट हो जाती है कि गलत काम करने वाले , अपराधी और मर्यादाहीन आचरण करने वाले समाज में बहुत शान से रहते हैं , डर से ही सही उनका समाज में आदर होता है , इसके विपरीत सच्चाई व ईमानदारी से काम करने वालों को उपेक्षित किया जाता है l उन्हें हर तरह से तंग किया जाता है l अच्छाई को संगठित होना पड़ेगा l
Saturday 10 February 2018
अशांति इसलिए है क्योंकि लोग अनाचार के विरुद्ध संगठित नहीं होते
पिछले दो हजार वर्ष ऐसे बीते हैं जिनमे समर्थों ने असमर्थों को त्रास देने में , उन पर अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी l जो लोग ईश्वर को मानते हैं उनकी यह सोच होती है कि भगवान पापियों को दंड देंगे l लेकिन ईश्वर भी क्या करें ? जब सताए जाने वाले चुपचाप अत्याचार सहते हैं , कायरता और भीरुता को अपनाकर अनीति से टकराने के लिए संगठित नहीं होते l अपनी कमजोरियों के कारण अनाचारी को क्षमा कर अनीति को बढ़ावा देते हैं l मानवीय गरिमा के विरुद्ध ऐसे आचरण से प्रकृति भी रुष्ट हो जाती है l
अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर एक कदम भी बढ़ाओ तो दैवी शक्तियां मदद को तत्पर रहती हैं ' लेकिन एक कदम तो बढ़ाना ही होगा l
अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर एक कदम भी बढ़ाओ तो दैवी शक्तियां मदद को तत्पर रहती हैं ' लेकिन एक कदम तो बढ़ाना ही होगा l
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