Sunday 7 January 2018

आज की सबसे बड़ी जरुरत है एक ' मानव - धर्म ' हो

 इस  धरती  पर  हर  तरह  की  मानसिकता  के  लोग  होते  हैं   l  अनेक  लोग  जानवरों  की  लड़ाई  देख  कर     या  उन्हें  मारकर  प्रसन्न  होते  हैं   तो  अनेक  ऐसी  विकृत  मानसिकता  के  लोग  भी  होते  हैं  जो  इनसानों  को  लड़ा  कर  ,  बेवजह  उनका  खून  बहा  कर  प्रसन्न  होते  हैं   l  हम  सबकी मानसिकता  को  नहीं  बदल  सकते  ,  हमें  स्वयं  विवेक  से  काम  लेना होगा  ,  अपने  जीवन  की  प्राथमिकताएं  तय  करनी  होंगी  l  लेकिन कभी - कभी   व्यक्ति  की  मजबूरी  हो  जाती  है  ,  आज  के  समय  में  दंगे - फसाद ,  खून - खराबा  भी   एक  विशेष  प्रकार  का  रोजगार   का  साधन   हो  गया  है  l 
  आज  ' मानव - धर्म '  जरुरी  है  ,  जिसमे  हर  धर्म  की  अच्छी  बातों को  लिया  जाये  ,  जो  इंसानियत  और  नैतिकता  पर  आधारित  हो  l  प्रत्येक  व्यक्ति  निजी  रूप  से ,  अपने  व्यक्तिगत  जीवन  में  चाहे  जिस  भी  धर्म  के  अनुसार  कर्मकांड  करे  लेकिन  घर  से  बाहर  नैतिकता  और  मानवीयता  के  नियमों  का  पालन  अनिवार्य  हो  l  ऐसा  होने  पर  ही  व्यक्ति   अनैतिक  और  अमानवीय रोजगार  से दूर  रहेगा  ,  ऐसा  होने  पर  ही  समाज  में  शान्ति  होगी   l  यह  धर्म  भी  वैज्ञानिक  प्रतिपादन  पर  आधारित  हो ,  देश  व  काल  के  अनुसार  हो   जैसे   ठंडी  जलवायु  के   लोगों  के  लिए  शराब  व  मांसाहार  जरुरी  है    तो  वे  इसे  लें  लेकिन  इसके  लिए  वे   अन्य   देशों  में  हाहाकार  न  मचाएं ,  अपनी  जरुरत  अपने  देश  में  पूरी  करें  ,  लेकिन  भारत  जैसे  गर्म  जलवायु  के  देशों  में   लोग  हर  प्रकार  के  नशे  और  मांसाहार  से  दूर  रहें  यह  अनैतिक  और  अमानवीय  है  ,  इसकी  वजह  से  अपराध  बढ़ते  हैं  l    अब  चुनाव  व्यक्ति  के  हाथ में  है  कि  सन्मार्ग  पर  चलकर  सुख शांति से  रहते  हैं  ,  चैन  की  नींद  सोते  हैं  या  अनैतिक  और  अमर्यादित  रहकर  अनिद्रा  व  अनेक  बड़ी  बीमारियाँ  झेलकर  ,  रोते - खपते  जिन्दगी  गुजारते  हैं   l  

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