नशा , जुआ आदि अनेक दुर्गुण हैं जिन्हें व्यक्ति तुरंत अपने व्यवहार में ले आता है और उन दुर्गुणों पर बड़े नियम से अमल करता है l यह दोष - दुर्गुण पीढ़ी - दर -पीढ़ी चलते हैं और मनुष्य सामाजिक प्राणी है इसलिए एक दूसरे के संपर्क में आने से भी फैलते हैं l माता - पिता बच्चों के सामने कितने ही आदर्श बने रहें लेकिन सच छुपता नहीं है l
युगों की गुलामी के बाद देश आजाद हुआ तो लोगों ने स्वतंत्रता के आनंद को स्वच्छंदता में बदल लिया , आने वाली पीढ़ियों को भौतिक सुविधाएँ बहुत दीं लेकिन मानवीय मूल्यों का ज्ञान नहीं कराया l आज जो समाज में स्थिति है वह इसी स्वच्छंदता का परिणाम है l
युगों की गुलामी के बाद देश आजाद हुआ तो लोगों ने स्वतंत्रता के आनंद को स्वच्छंदता में बदल लिया , आने वाली पीढ़ियों को भौतिक सुविधाएँ बहुत दीं लेकिन मानवीय मूल्यों का ज्ञान नहीं कराया l आज जो समाज में स्थिति है वह इसी स्वच्छंदता का परिणाम है l
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