Monday 2 October 2017

संवेदनहीन समाज अशांत और अव्यवस्थित होता है

  आज  की  सबसे  बड़ी  समस्या  है   कि  लोगों  के  ह्रदय  में  संवेदना  समाप्त  हो  चुकी  है  l  अब  लोग   दूसरे की  मृत्यु  का  , दूसरों  के  कष्ट  का  तमाशा  देखते  हैं ,  वीडिओ  बनाते  हैं  l   किसी  की  मदद  नहीं  करते  l  यदि  कोई  मदद  करना  भी  चाहे    तो  दुष्ट  प्रवृति  के  लोग   उस  पीड़ित  व्यक्ति  को  इतना  टार्चर  करते  हैं ,  उस  पर  दबाव  बनाते  हैं  कि  वह  उस  मदद  करने  वाले  के  पास  न  जाये  l   क्योंकि  यदि  पीड़ित  व्यक्ति  किसी  नि:स्वार्थ  सेवा भाव  वाले  के  पास  चले  गए  तो  उसको  यश  मिल  जायेगा ,  यह  स्वार्थी  समाज  से  सहन  नहीं  होगा   कि  किसी  को  यश  मिले  ,  तारीफ  मिले  l  और  सबसे  बढ़कर  भ्रष्टाचार  में  बाधा  उपस्थित  होगी  l
   ऐसे   स्वार्थी  और  संवेदनहीन  समाज  में   आपदाएं , विपदाएं  आती  हैं  ,  लोग  मौखिक  रूप  से  दुःख  मना  कर  ,  अपने  ऐश- आराम  में  मगन  हो  जाते  हैं  l 
         जाके  पैर  न   फटे  बिवाई ,  वो  का  जाने  पीर  पराई  l 

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