आज की सबसे बड़ी समस्या है कि लोगों के ह्रदय में संवेदना समाप्त हो चुकी है l अब लोग दूसरे की मृत्यु का , दूसरों के कष्ट का तमाशा देखते हैं , वीडिओ बनाते हैं l किसी की मदद नहीं करते l यदि कोई मदद करना भी चाहे तो दुष्ट प्रवृति के लोग उस पीड़ित व्यक्ति को इतना टार्चर करते हैं , उस पर दबाव बनाते हैं कि वह उस मदद करने वाले के पास न जाये l क्योंकि यदि पीड़ित व्यक्ति किसी नि:स्वार्थ सेवा भाव वाले के पास चले गए तो उसको यश मिल जायेगा , यह स्वार्थी समाज से सहन नहीं होगा कि किसी को यश मिले , तारीफ मिले l और सबसे बढ़कर भ्रष्टाचार में बाधा उपस्थित होगी l
ऐसे स्वार्थी और संवेदनहीन समाज में आपदाएं , विपदाएं आती हैं , लोग मौखिक रूप से दुःख मना कर , अपने ऐश- आराम में मगन हो जाते हैं l
जाके पैर न फटे बिवाई , वो का जाने पीर पराई l
ऐसे स्वार्थी और संवेदनहीन समाज में आपदाएं , विपदाएं आती हैं , लोग मौखिक रूप से दुःख मना कर , अपने ऐश- आराम में मगन हो जाते हैं l
जाके पैर न फटे बिवाई , वो का जाने पीर पराई l
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