अब लोगों में संवेदना समाप्त हो गई है और कायरता बढ़ गई है l भ्रूण हत्या , छोटी बच्चियों के साथ अनैतिक कार्य , स्कूल में पढने वाले बच्चों की निर्मम हत्या ---- यह सब व्यक्ति की कायरता के प्रमाण हैं l बाहरी आतंकवाद को तो सैन्य शक्ति मजबूत कर के रोका जा सकता है लेकिन देश के भीतर ही पीछे से वार करने वाले आतंकियों को रोकने से ही समाज में शान्ति होगी l जिनके ह्रदय में संवेदना सूख गई है , तो इस संवेदना को जगाने का , पुन: हरा - भरा करने का कोई तरीका नहीं है l केवल एक ही रास्ता है --- ऐसे अपराधियों को कठोर और शीघ्र दण्ड दिया जाये l समाज को जागरूक होना पड़ेगा , जो लोग अपराधियों को संरक्षण देते हैं उनका सामूहिक बहिष्कार करें l
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