मनुष्य का पारिवारिक जीवन कैसा है ? समाज में शांति है अथवा नहीं , लोगों का चरित्र कैसा है आदि बहुत सी बातें इस बात पर निर्भर करती हैं किउनके परिवार में धन किस तरह आता है l
जिन परिवारों में बेईमानी , भ्रष्टाचार से धन आता है वहां बीमारी , चारित्रिक पतन आदि की वजह से अशांति रहती है l
यदि लोगों को बिना मेहनत के धन मिल जाये जैसे अनेक लोग , संस्थाएं दान के नाम पर , निष्काम कर्म के नाम पर निर्धन लोगों को विभिन्न सहायता देते हैं l दान - पुण्य के कार्य करना अच्छी बात है लेकिन हमारे शास्त्रों में लिखा है ---- किसी को आलसी बना देना , बहुत बड़ा पाप है l कहते हैं ' खाली मन शैतान का घर ' l जिस समाज में ऐसे आलसी लोग , जिन्हें बिना श्रम के धन , सुविधाएँ मिल जाती हैं --- तो ऐसे समाज में विकास रुक जाता है , लोग अपनी उर्जा का उपयोग नकारात्मक कार्यों में करने लगते हैं , समाज में अपराध , अराजकता बढ़ने लगती है जो सबके लिए घातक है l समाज में सुख शांति के लिए जरुरी है कि लोगों को आत्म निर्भर बनाया जाये , वो अपनी रोटी स्वयं कमा कर खा लें l भिखारियों को भी पुरुषार्थी बनाया जाये l केवल वृद्ध और हर तरह से असमर्थ को ही भोजन आदि दिया जाये l l
जिन परिवारों में बेईमानी , भ्रष्टाचार से धन आता है वहां बीमारी , चारित्रिक पतन आदि की वजह से अशांति रहती है l
यदि लोगों को बिना मेहनत के धन मिल जाये जैसे अनेक लोग , संस्थाएं दान के नाम पर , निष्काम कर्म के नाम पर निर्धन लोगों को विभिन्न सहायता देते हैं l दान - पुण्य के कार्य करना अच्छी बात है लेकिन हमारे शास्त्रों में लिखा है ---- किसी को आलसी बना देना , बहुत बड़ा पाप है l कहते हैं ' खाली मन शैतान का घर ' l जिस समाज में ऐसे आलसी लोग , जिन्हें बिना श्रम के धन , सुविधाएँ मिल जाती हैं --- तो ऐसे समाज में विकास रुक जाता है , लोग अपनी उर्जा का उपयोग नकारात्मक कार्यों में करने लगते हैं , समाज में अपराध , अराजकता बढ़ने लगती है जो सबके लिए घातक है l समाज में सुख शांति के लिए जरुरी है कि लोगों को आत्म निर्भर बनाया जाये , वो अपनी रोटी स्वयं कमा कर खा लें l भिखारियों को भी पुरुषार्थी बनाया जाये l केवल वृद्ध और हर तरह से असमर्थ को ही भोजन आदि दिया जाये l l
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