समाज में अशांति का सबसे बड़ा कारण है ---- लोग जागरूक नहीं हैं l अपने आप परिस्थितियों से ठोकर खा कर जागरूक होने में जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा खप जाता है l सच्चाई यह है कि आज लोग दूसरों को बेवकूफ बना कर ही पैसा कमा रहें हैं , पद , शोहरत , वैभव सब तभी तक है जब तक दूसरा बेवकूफ है l धर्म , शिक्षा , राजनीति, चिकित्सा -------- कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा जहाँ ईमानदारी और कर्तव्यपालन हो l लोग गरीब और कमजोर को जागरूक करना चाहते भी नहीं अन्यथा बहुतों की रोटी -रोजी छिन जाएगी l जो गरीब है , हर तरह से कमजोर है उसी को सब मिलकर लूटते हैं ---- धार्मिक कर्मकांडी उसे भाग्य अच्छा करने के लिए तरह -तरह की पूजा , कर्मकांड बताकर पैसा ऐंठते हैं , शिक्षा के क्षेत्र में उसे प्रश्न -उत्तर रटा दिए , व्यवहारिक ज्ञान नहीं हुआ , बीमार हो जाये तो चिकित्सक छोटी सी बीमारी को बड़ा बताकर , तरह - तरह की जांच करा के खूब लूटते हैं , कहीं अपनी समस्या को हल कराने के लिए जाये तो जो उसका बचा - खुचा है , वह भी समाप्त !
हमारे शास्त्रों में , धर्म ग्रन्थों में कहा भी गया है गरीब को , कमजोर को मत सताओ , गरीब की
' हाय ' बहुत बुरी होती है l समाज में एक वर्ग सुख - वैभव में रहे और दूसरे वर्ग को दिन - रात मेहनत - मजदूरी करने पर भी दो वक्त भोजन नसीब न हो तो अशान्ति तो होगी l
हमारे शास्त्रों में , धर्म ग्रन्थों में कहा भी गया है गरीब को , कमजोर को मत सताओ , गरीब की
' हाय ' बहुत बुरी होती है l समाज में एक वर्ग सुख - वैभव में रहे और दूसरे वर्ग को दिन - रात मेहनत - मजदूरी करने पर भी दो वक्त भोजन नसीब न हो तो अशान्ति तो होगी l
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