यदि कोई व्यक्ति सद्गुण संपन्न है , उसमे दया , करुणा, संवेदना , सत्य , न्याय , कर्तव्य पालन , ईमानदारी आदि सद्गुण हैं , वही व्यक्ति अपनी शक्ति का सदुपयोग कर सकता है l लेकिन यदि राजनीतिक, सामाजिक , आर्थिक , प्रशासनिक आदि किसी भी क्षेत्र में शक्ति किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में आ गई जो अपराधी है , अहंकारी है जिसमे छल - कपट , बेईमानी आदि दुर्गुण है तो ऐसे व्यक्ति से शक्ति के सदुपयोग की कल्पना करना ही व्यर्थ है | ऐसे व्यक्ति अपने परिवार को , समाज को और धीरे -धीरे पूरे राष्ट्र को दुष्प्रवृती के मार्ग पर धकेल देते हैं l बुराई का मार्ग सरल है इसलिए ऐसे लोगों का संगठन देश - विदेश सब जगह संक्रामक रोग की तरह फैलता ही जाता है | ऐसे में किससे शिकायत करें , कौन न्याय करे , कौन किसे दंड दे ? ----- ऐसी परिस्थिति में ही प्राकृतिक प्रकोप , आपदाएं , युद्ध आदि स्थिति उत्पन्न होती हैं l
समाज में जागरूकता जरुरी है , लोग समझें कि उनका सच्चा हित किसमे है |
समाज में जागरूकता जरुरी है , लोग समझें कि उनका सच्चा हित किसमे है |
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