जब व्यक्ति बेईमानी से और अवैध धन्धों से जो समाज के लिए घातक हैं ---- धन कमाता है तो इसका प्रभाव समाज पर कैंसर की तरह होता है क्योंकि यह काम कोई अकेला नहीं करता इसकी पूरी श्रंखला होती है जो धीरे - धीरे सम्पूर्ण समाज को अपने गिरफ्त में लेती है | जिस तरह कैंसर पूरे शरीर में फैलता जाता है उसी तरह यह भ्रष्टाचार , अनैतिक धन्धे पूरे समाज को खोखला कर देते हैं l इस समस्या से निपटने के लिए यदि दो - चार लोगों को सजा भी दे दी जाये तो यह समस्या हल नहीं होगी | क्योंकि इन अवैध धन्धे और बेईमानी के कार्य से भी हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है , ऐसे ही लोगों की दम पर उनका व उनके परिवार का पेट पलता है , इसलिए इस श्रंखला को तोड़ना बहुत कठिन है l
लेकिन समाज में शान्ति के लिए ईमानदारी , सच्चाई और नैतिकता जरुरी है l किसी भी समस्या से निपटने के लिए विवेक की जरुरत होती है l सर्वप्रथम नि:स्वार्थ सेवा और परोपकार कर आत्म - बल बढ़ाना जरुरी है l जब ऐसे आत्मशक्ति संपन्न और सच्चाई व ईमानदारी की राह पर चलने वाले लोग ज्यादा होंगे तो बेईमानी व अनैतिकता को पनपने का मौका ही नहीं मिलेगा , ऐसे लोग या तो नष्ट होंगे या स्वयं को बदलकर सच्चाई की राह पर चलेंगे |
लेकिन समाज में शान्ति के लिए ईमानदारी , सच्चाई और नैतिकता जरुरी है l किसी भी समस्या से निपटने के लिए विवेक की जरुरत होती है l सर्वप्रथम नि:स्वार्थ सेवा और परोपकार कर आत्म - बल बढ़ाना जरुरी है l जब ऐसे आत्मशक्ति संपन्न और सच्चाई व ईमानदारी की राह पर चलने वाले लोग ज्यादा होंगे तो बेईमानी व अनैतिकता को पनपने का मौका ही नहीं मिलेगा , ऐसे लोग या तो नष्ट होंगे या स्वयं को बदलकर सच्चाई की राह पर चलेंगे |