सच्चाई की राह पर चलना, तलवार की धार पर चलने के सामान है लेकिन इसका प्रतिफल है -- मन की शान्ति | इस राह पर चलने के लिए बहुत धैर्य और ईश्वर पर विश्वास चाहिए |
आज के समय में लोग तुरन्त लाभ चाहते हैं , इस कारण गलत राह का चयन कर लेते हैं | धन - वैभव , ऐश - आराम , सारे सुख बहुत जल्दी मिल जाएँ , इसी कारण समाज में अपराध , भ्रष्टाचार , चरित्र हीनता की समस्या उत्पन्न होती है l पतन की राह बड़ी सरल है , इस राह पर अशान्ति है जैसे जब रात्रि का आगमन होता है तो समूचा क्षेत्र अंधकारमय हो जाता है , उसी प्रकार चारित्रिक पतन सम्पूर्ण समाज को अपनी गिरफ्त में ले लेता है । ।
जब व्यक्ति अपनों को , अपने परिवार के सदस्यों को पतन के गर्त में गिरते हुए देखता है तब स्थिति असहनीय हो जाती है , इसी कारण तनाव , आत्महत्या , पारिवारिक विघटन आदि अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं ।
यह स्वतंत्रता व्यक्ति को प्रकृति ने दी है कि वह कोई भी राह चुन सकता है , उसके चयन के अनुरूप ही प्रतिफल उसे मिलेगा ।
आज के समय में लोग तुरन्त लाभ चाहते हैं , इस कारण गलत राह का चयन कर लेते हैं | धन - वैभव , ऐश - आराम , सारे सुख बहुत जल्दी मिल जाएँ , इसी कारण समाज में अपराध , भ्रष्टाचार , चरित्र हीनता की समस्या उत्पन्न होती है l पतन की राह बड़ी सरल है , इस राह पर अशान्ति है जैसे जब रात्रि का आगमन होता है तो समूचा क्षेत्र अंधकारमय हो जाता है , उसी प्रकार चारित्रिक पतन सम्पूर्ण समाज को अपनी गिरफ्त में ले लेता है । ।
जब व्यक्ति अपनों को , अपने परिवार के सदस्यों को पतन के गर्त में गिरते हुए देखता है तब स्थिति असहनीय हो जाती है , इसी कारण तनाव , आत्महत्या , पारिवारिक विघटन आदि अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं ।
यह स्वतंत्रता व्यक्ति को प्रकृति ने दी है कि वह कोई भी राह चुन सकता है , उसके चयन के अनुरूप ही प्रतिफल उसे मिलेगा ।
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