आज संसार में ऐसे लोगों की अधिकता है जो अपना अधिकांश समय दूसरों को बेवकूफ बनाने , धोखा देने और चालाकी से अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगाते हैं | परिवार में सम्पति के झगड़े , भाई - भाई में टकराव , विभिन्न संस्थाओं में उत्पीड़न ऐसे लोगों की वजह से होता है |
ऐसे लोगों से निपटने के लिए शारीरिक शक्ति की नहीं , बल्कि विवेक की जरुरत होती है |
सन्मार्ग पर चलने से , निष्काम कर्म करने से मन निर्मल होता है और इस निर्मल मन में ही विवेक जाग्रत होता है |
ऐसे लोगों से निपटने के लिए शारीरिक शक्ति की नहीं , बल्कि विवेक की जरुरत होती है |
सन्मार्ग पर चलने से , निष्काम कर्म करने से मन निर्मल होता है और इस निर्मल मन में ही विवेक जाग्रत होता है |
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