सुख शान्ति से जीवन जीने के लिए जरुरी है की हम सांसारिक जीवन जीते हुए उसमे अध्यात्म का समावेश करें । अध्यात्म का अर्थ कर्मकांड नहीं है । अध्यात्म तो जीवन जीने का ऐसा तरीका है जिससे हम ईश्वर को , प्रकृति को प्रसन्न कर लें , इससे हमारे जीवन की सारी समस्याएं स्वत: ही हल हो जायेंगी । - सांसारिक जीवन जीने के साथ हम आध्यात्मिक हों इसके लिए जरुरी है
कि जो व्यक्ति जहाँ , जिस क्षेत्र में है ईमानदारी से कर्तव्य पालन करे | नि:स्वार्थ भाव से सत्कर्म करे | इस छोटी सी शुरुआत से ही आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रगति संभव है | आज के व्यस्त और आप -धापी के जीवन में चलते - फिरते , काम करते हुए ही ईश्वर को याद कर ले । ईश्वर को हर पल अपने साथ उपस्थित मानने से गलत कार्यों से अरुचि होगी और आत्म विश्वास बढ़ेगा ।
कि जो व्यक्ति जहाँ , जिस क्षेत्र में है ईमानदारी से कर्तव्य पालन करे | नि:स्वार्थ भाव से सत्कर्म करे | इस छोटी सी शुरुआत से ही आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रगति संभव है | आज के व्यस्त और आप -धापी के जीवन में चलते - फिरते , काम करते हुए ही ईश्वर को याद कर ले । ईश्वर को हर पल अपने साथ उपस्थित मानने से गलत कार्यों से अरुचि होगी और आत्म विश्वास बढ़ेगा ।