आज संसार में नकारात्मकता इतनी बढ़ गई है कि हर तरफ हत्या , लूट, डकैती , आत्महत्या आदि खबर ही सुनने को मिलती हैं । इसका सम्बन्ध किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं है जब किसी समाज में आर्थिक असमानता , गरीबी , शोषण , उत्पीड़न , अन्याय , अत्याचार जैसी घटनायें बढ़ जाती हैं तो उनकी प्रतिक्रिया स्वरुप ही हत्या , लूट आदि घटनाएँ बढ़ जाती हैं ।
संसार में शान्ति चाहिए तो ह्रदय में संवेदना जरुरी है ।
संसार में शान्ति चाहिए तो ह्रदय में संवेदना जरुरी है ।
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