लोग बड़ी जल्दी समस्याओं से घबरा कर निराश हो जाते हैं , कभी - कभी निराशा इतनी बढ़ जाती है कि आत्महत्या करने पर उतारू हो जाते हैं । इसके अनेक कारण हो सकते हैं लेकिन हमें समाधान खोजना होगा कि व्यक्ति डरपोक न बने , समस्याओं से भागे नहीं ।
निराशा से निपटने के लिए जरुरी है धैर्य और अज्ञात शक्ति पर --- ईश्वर पर अटूट विश्वास ।
' हानि - लाभ , सुख - दुःख , यश - अपयश , उत्थान - पतन , प्रेम - धोखा ---- ये सब जिन्दगी से जुड़ी हुई बाते हैं । आत्महत्या के बाद जब नया जन्म होगा तो फिर से यही सब होगा , इसलिए मरने से कोई फायदा ही नहीं हुआ ।
इसलिए समस्याओं का सकारात्मक तरीके से डटकर मुकाबला करो । प्रकृति में ऐसा कभी नहीं हुआ कि रात के बाद , सुबह न हुई हो । सुबह जरुर होगी ।
वास्तव में प्रकृति की शक्तियां चाहती हैं कि मनुष्य अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचाने , और ऊँचा उठे । ईश्वर ने यह संसार बनाया , वे मनुष्य का जीवन सुखमय बनाना चाहते हैं ।
भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को यही समझाया कि संसार से भागो मत , कर्तव्य पालन करो ।
' गीता ' का ज्ञान हमें जीवन जीने की कला सिखाता है ।
निराशा से निपटने के लिए जरुरी है धैर्य और अज्ञात शक्ति पर --- ईश्वर पर अटूट विश्वास ।
' हानि - लाभ , सुख - दुःख , यश - अपयश , उत्थान - पतन , प्रेम - धोखा ---- ये सब जिन्दगी से जुड़ी हुई बाते हैं । आत्महत्या के बाद जब नया जन्म होगा तो फिर से यही सब होगा , इसलिए मरने से कोई फायदा ही नहीं हुआ ।
इसलिए समस्याओं का सकारात्मक तरीके से डटकर मुकाबला करो । प्रकृति में ऐसा कभी नहीं हुआ कि रात के बाद , सुबह न हुई हो । सुबह जरुर होगी ।
वास्तव में प्रकृति की शक्तियां चाहती हैं कि मनुष्य अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचाने , और ऊँचा उठे । ईश्वर ने यह संसार बनाया , वे मनुष्य का जीवन सुखमय बनाना चाहते हैं ।
भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को यही समझाया कि संसार से भागो मत , कर्तव्य पालन करो ।
' गीता ' का ज्ञान हमें जीवन जीने की कला सिखाता है ।
No comments:
Post a Comment