अपने मन को नियंत्रित करना बड़ा कठिन कार्य है . उस पर से समाज में ऐसी चीजें उपलब्ध होना जो मन को और विचलित करती हैं , ऐसी स्थिति सम्पूर्ण समाज के लिए घातक है । अश्लील फ़िल्में देखने से व्यक्ति का मन वैसे ही विचलित रहता है , फिर भारत एक गर्म जलवायु का देश है इसलिए शराब , तम्बाकू आदि नशीले पदार्थों के सेवन से मन पर नियंत्रण खत्म हो जाता है और व्यक्ति पशु से भी बदतर हो जाता है । महिलाओं के प्रति हिंसक व्यवहार , चरित्र हनन --- इन सबके पीछे प्रमुख कारण नशे की अधिकता है ।
यदि हमें अपनी संस्कृति को जीवित रखना है , पारिवारिक जीवन सुखमय बनाना है , समाज में शांति रखनी है तो नशे से दूर रहना होगा ।
नशा करने वाले की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है , वह अपने शरीर को गलाकर , परिवार को दुःखी करके नशा बेचने वाले को अमीर बना देता है ।
यदि हमें अपनी संस्कृति को जीवित रखना है , पारिवारिक जीवन सुखमय बनाना है , समाज में शांति रखनी है तो नशे से दूर रहना होगा ।
नशा करने वाले की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है , वह अपने शरीर को गलाकर , परिवार को दुःखी करके नशा बेचने वाले को अमीर बना देता है ।
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