मनुष्य के मन पर सबसे ज्यादा असर फिल्मों का पड़ता है l जब वह अपने पसंदीदा कलाकार को किसी विशेष अभिनय में देखता है तो उसके मन में वह द्रश्य अंकित हो जाते हैं और धीरे - वह विचार कार्य रूप में दिखाई देने लगते हैं । आज से लगभग 15- 20 वर्ष पहले जो फिल्म बनाई जाती थीं , वे हिट हों इसके लिए उनमे हत्या , अपहरण और बलात्कार के द्रश्य ठूंसे जाते थे । आज उन्ही द्रश्यों का व्यवहारिक रूप समाज में देखने को मिलता है , लोगों की मानसिकता प्रदूषित हो चुकी है । आज की सबसे बड़ी जरुरत यह है कि इस प्रदूषण को रोका जाये ।
श्रेष्ठ फिल्मो और श्रेष्ठ साहित्य से ही इस प्रदूषण को दूर किया जा सकता है ।
श्रेष्ठ फिल्मो और श्रेष्ठ साहित्य से ही इस प्रदूषण को दूर किया जा सकता है ।
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