सुख शान्ति पूर्वक जीवन जीने के लिए जीवन में अध्यात्म का प्रवेश आवश्यक है |
आध्यात्मिक होने का अर्थ संसार से भागना नहीं है । जो व्यक्ति आध्यात्मिक है वह अपने जीवन को अधिक कुशलता के साथ जीता है , जीवन के हर पल का सदुपयोग करता है ।
पूजा - पाठ , कर्मकांड करने से आध्यात्मिक होने का कोई संबंध नहीं है l कर्मकांड करने वाला व्यक्ति अपराधी , भ्रष्टाचारी , दुर्गुणी हो सकता है लेकिन एक सच्चा आध्यात्मिक सद्गुण संपन्न होता है । आध्यात्मिक होना एक सतत प्रक्रिया है , निरंतर अपने दोषों का अवलोकन कर उन्हें दूर करें और सद्गुणों को ग्रहण कर , सन्मार्ग पर चलें ।
आध्यात्मिक होने का अर्थ संसार से भागना नहीं है । जो व्यक्ति आध्यात्मिक है वह अपने जीवन को अधिक कुशलता के साथ जीता है , जीवन के हर पल का सदुपयोग करता है ।
पूजा - पाठ , कर्मकांड करने से आध्यात्मिक होने का कोई संबंध नहीं है l कर्मकांड करने वाला व्यक्ति अपराधी , भ्रष्टाचारी , दुर्गुणी हो सकता है लेकिन एक सच्चा आध्यात्मिक सद्गुण संपन्न होता है । आध्यात्मिक होना एक सतत प्रक्रिया है , निरंतर अपने दोषों का अवलोकन कर उन्हें दूर करें और सद्गुणों को ग्रहण कर , सन्मार्ग पर चलें ।
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